Harish Wadhwa , Manager

आज सम्पूर्ण संसार प्रगति की स्पर्धात्मक दौड़ में अनवरत भाग रहा है। स्पर्धा की इस दौड़ में हम अपने नैतिक मूल्यों, अपने संस्कारों को भूलते जा रहे हैं। अत: आवश्यकता है-अपने संस्कारों को, अपनी संस्कृति को जीवन्त रखने की। ये मेरा परम् सौभाग्य है कि मुझे ऐसे विद्यालय में प्रबन्धक के दायित्व निर्वहन का सुअवसर मिला है जो भारतीय संस्कारों से युक्त शिक्षा देकर छात्रों के सर्वागीण विकास की ओऱ अग्रसर है। हमारा विद्यालय विद्यार्थी को एक ऐसा चरित्रवान, देेशभक्त नागरिक बनाने के लिए कृत संकल्प है जो देश को सम्पूर्ण विश्व का सिरमौर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।

मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान से प्रेरित शिक्षा भारती वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अपने इस दायित्व को अत्यन्त कुशलतापूर्वक निभाने में सफलता प्राप्त करेगा। इस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त छात्र न केवल अपने परिवारिक दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वाह करने में कामयाब होगे अपितु अपने सामाजिक एवं राष्ट्रीय दायित्व को भी कुशलता पूर्वक निभायेगें ।

मेरी परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि विद्यालय दिन-दुगनी, रात-चौगुनी उन्नति करे ।

इन्हीं शुभकामनाओं सहित ।